गुजरात: पुलिस कांस्टेबल ने अपने ही 3 बच्चों की कर दी हत्या
इस दौरान उसने पत्नी को कमरे में बंद कर दिया था। हत्या के बाद उसने स्वयं ही पुलिस को इसकी सूचना भी दी। उसे शक था कि ये तीनों संतान उसकी नहीं हैं।
भावनगर ( गुजरात )
गुजरात के भावनगर में रविवार की दोपहर को बारिश के दौरान एक पुलिस कांस्टेबल ने अपने ही तीन बच्चों की धारदार हथियार से गला काटकर नृशंस हत्या कर दी। इस दौरान उसने पत्नी को कमरे में बंद कर दिया था। हत्या के बाद उसने स्वयं ही पुलिस को इसकी सूचना भी दी। उसे शक था कि ये तीनों संतान उसकी नहीं हैं।
भावनगर एस.पी.कार्यालय में पुलिस कांस्टेबल के पद पर तैनात पुलिस लाइन के 17 नम्बर की बिल्डिंग में ब्लॉक नम्बर 247 में रहने वाले सुखदेव नाजाभाई शियाल सोममवार की दोपहर को बारिश हो रही थी। इस बारिश में सुखदेव, पत्नी जिघना और तीनों बच्चों ने बारिश में नहाने का आनंद लिया। बच्चे जब घर आए, तब उन्हें क्या पता था कि उनका पिता आज साक्षात यमराज बनकर तैयार बैठा है।
पहले सुखदेव का पत्नी से विवाद हुआ। इस पर उसने पत्नी को कमरे में बंद कर दिया। उसके बाद उसने बारिश के मजे लेकर आए बड़े 7 वर्षीय बेटे खुशाल की गला काटकर हत्या कर दी। उसके बाद दूसरे 5 वर्षीय बेटे उद्धव को भी उसी तरह से मार डाला। उसके बाद सबसे छोटे 3 साल के मनोनीत की गला रेतकर हत्या कर दी।
उसे शक था कि ये बच्चे उसके नहीं हैं। इसी बात पर उसका पत्नी से विवाद भी होते रहता था। बच्चों की हत्या के बाद उसने पत्नी को कमरे से बाहर निकालकर बच्चों की लाशें दिखाई। बच्चों को इस हालत में देखते ही उसकी चीख निकल गई। इधर कांस्टेबल ने फोन पर पुलिस कंट्रोल रूम में हत्या की सूचना दी।
पुलिस कांस्टेबल की शादी 8 साल पहले हुई थी। पत्नी जिघना से उसका हमेशा विवाद होते रहता था। इस कारण वह बार-बार मायके चली जाती थी। संतानों के संबंध में वहम और शंका के कारण उनका दाम्पत्य जीवन काफी बिखर गया था। बच्चों की हत्या के पीछे यही वहम हो सकता है।
जिघना का कहना है कि “उस का पति काफी बरसों से उसे उलाहने दिया करता था और उसके चरित्र पर शक किया करता था। वह जिघना से कहता था कि तूने मुझ पर जादू कर दिया है। इसलिए इस घर में शांति नहीं रहती। वह पिछले एक महीने से घर में खाना भी नहीं खा रहा था ।
हत्या के आरोपी सुखदेव के बड़े बेटे का 30 अगस्त को जन्म दिन था। उसका जन्म दिन खूब धूमधाम से मनाया गया था। तब उस बच्चे को क्या पता था कि यह उसका आखिरी जन्म दिन है। सुखदेव का बड़ा बेटा दक्षिणामूर्ति स्कूल में दूसरी, दूसरा बेटा उद्धव बालमंदिर में दूसरे साल की पढ़ाई करता था। तीसरा बेटा 3 साल का होने के कारण वह घर पर ही रहता था।